गलत खानपान और जीवन शैली की वजह से अधिकतर लोगों को
डायबिटीज (diabetes) यानी मधुमेह की बीमारी का शिकार होना पड़ रहा है।
आजकल की भागदौड़ वाली दुनिया में हमें अपने शरीर के स्वास्थ्य के लिए समय ही नहीं
मिल पाता है। जाने अनजाने में हमें कुछ ऐसी आदतें लग जाती हैं जिनकी वजह से हमें
इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। तो आज इस आर्टिकल में हम इसी बारे में चर्चा
करेंगे कि वह कौन सी ऐसी आदतें हैं जिनके कारण हो सकता है डायबिटीज।
भारत में डायबिटीज से पीड़ित लोगों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। यह एक
आम बीमारियों की लिस्ट में शामिल हो चुकी है। डॉक्टर का कहना है की इस बीमारी से
पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ने का कारण लोगों की
सुस्त जीवनशैली ,गलत खानपान और ऐसी कई गलत आदतें इत्यादि है। अभी के
आंकड़ों के अनुसार, देश में करीब 7.7 करोड़ लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं
और इस संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। डायबिटीज के दो मुख्य प्रकार हैं –
पहली टाइप 1 डायबिटीज जो जेनेटिक (genetic) होती है जो आपको आपके
परिवार से मिल सकती है। और दूसरी टाइप 2 डाइबिटीज जो लोगों के गलत खानपान
और रहन-सहन की वजह से होती है जिसे नियंत्रण में किया जा सकता है। आप अपने
रहन-सहन और खान-पान में थोड़ा बदलाव करके टाइप टू डायबिटीज को
नियंत्रण में कर सकते हैं।
नीचे कुछ कारण दिए गए हैं जिनकी वजह से डायबिटीज का खतरा बढ़ता है। आप इन
कारणों को समझें और अपने आपको इस बीमारी से बचाएं :
1. सुस्त जीवनशैली | Lazy Lifestyle
ज्यादा समय तक बैठे या लेटे रहने से या फिर कोई शारीरिक गतिविधि ना करने से
दिल, फेफड़ों और मेटाबॉलिज्म पर बुरा असर पड़ता है। सुस्त जीवनशैली की वजह
से हमारे शरीर में चर्बी (fat) बढ़ना शुरू हो जाती है। अध्ययनों से
पता चला है कि टाइप 2 डायबिटीज से होने की आंशका उन लोगों में ज्यादा होती है जो
पूरा दिन बैठे-बैठे या लेटे हुए बिताते है।
2. हाई कैलोरी वाला आहार | High Calorie Diet
जरूरत से ज्यादा कैलोरी का सेवन करने से वजन बढ़ता है जिससे
टाइप 2 डायबिटीज होने की संभावना होती है। कोई भी व्यक्ति दिन में जितना
काम करता है उसे उतनी ही मात्रा में कैलोरी का सेवन करना चाहिए अथार्त यदि कोई
व्यक्ति ऐसा काम करता है जिसमें ज्यादा शारीरिक गतिविधि नहीं होती तो उसे कम
कैलोरी वाला आहार लेना चाहिए।
3. शराब और धूम्रपान | Smoking and Drinking
धूम्रपान और शराब का सेवन करना शरीर के लिए नुकसानदायक है। इसकी वजह से हृदय रोग, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज होने का खतरा रहता है। धूम्रपान नसों (ब्लड वेसल्स) पर
बुरा असर डालता है और धमनियों को संकुचित करता है जिससे दिल का दौरा पड़ने का
खतरा होता है और साथ ही डायबिटीज का खतरा भी होता है। अत्यधिक शराब पीने
से फैटी लीवर (fatty liver) की परेशानी हो सकती है जो आगे
चलकर डायबिटीज की बीमारी को बढ़ावा देती है इसलिए इन चीजों का सेवन करने से
बचें।
4. एक्सरसाइज ना करना | No Exercise – Workout
शरीर को चुस्त-दुरुस्त और स्वस्थ रखने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना तो बहुत
जरूरी है। व्यायाम करने से हमारे शरीर के विभिन्न अंग स्वस्थ रहते हैं जैसे
रिस्पायरेटरी सिस्टम (श्वसन तंत्र), पाचन तंत्र, मेटाबॉलिज्म इत्यादि जो
कि हमें मोटापा होने से बचाते हैं। अगर आपके परिवार में पहले से कोई डायबिटीज से
पीड़ित है तो आपके लिए व्यायाम करना तो और भी जरूरी हो जाता है क्योंकि
जेनेटिकली आपको इस बीमारी का शिकार होने की संभावना ज्यादा हो जाती है।
नियमित रूप से व्यायाम करने से आपका शुगर लेवल भी नियंत्रण में रहता है जिससे इस
बीमारी के होने का खतरा कम हो जाता है। इसलिए हफ्ते मैं दो-तीन दिन
व्यायाम जरूर करे।
5. मोटापा | Obesity
मोटापा शरीर में चर्बी जमा होने की वजह से होता
है। लिवर और शरीर के अंदरूनी अंगों में जमा होने वाली
चर्बी विसरल फैट (visceral fat) कहलाती है। ज्यादा मात्रा में
विसरल फैट जमा होने से इन्सुलिन रेजिस्टेंस (insulin resistance) हो सकता है जिससे कि आगे चलकर डायबिटीज का खतरा बन सकता है। लोअर बॉडी इंडेक्स (lower body index) वाले लोगों को इसका खतरा कम रहता है।
6. पोषण की कमी | Low Nutrition Diet
शरीर के लिए न्यूट्रिएंट्स बहुत जरूरी है। आवश्यक मैक्रो और माइक्रो
न्यूट्रिएंट्स की कमी होने से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। कई अध्ययनों में
पाया गया है कि पत्तेदार साग, वीगन और मेडीटेरियन डाइट डायबिटीज होने से
बचा सकता है। साथ ही लंबे समय तक विटामिन डी की कमी भी इस के खतरे को बढ़ाती है।
प्रोटीन, फाइबर, जरूरी फैट्स और कार्बोहाइड्रेट से युक्त एक हेल्दी डाइट
शरीर में ब्लड शुगर लेवल और इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद
करते है।
7. तनाव | Stress
तनाव की वजह से सीधा-सीधा डायबिटीज नहीं होता लेकिन जो लोग पहले से ही इस बीमारी
का शिकार है उन लोगों में तनाव की वजह से शरीर में
विपरीत प्रभाव (adverse effect) हो सकते हैं। दरअसल तनाव के समय हमारा
शरीर एक हारमोन रिलीज करता है जिससे हमारे
खून में ग्लूकोस (blood sugar) की मात्रा बढ़ जाती है। और इस बीमारी से
पीड़ित लोगों में अगर ग्लूकोज की मात्रा ज्यादा समय तक बनी रहे तो वह इस बीमारी
को और गंभीर कर सकती है। इसकी वजह से हमारा दिमागी संतुलन भी बिगड़ सकता
है। तो इसीलिए अपने आपको तनाव मुक्त रखने की कोशिश करें।
